शोभित विश्वविद्यालय और आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन के बीच साझा एमओयू

शोभित विश्वविद्यालय और आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन के बीच साझा एमओयू से कृषि में कृत्रिम बुद्धिमानता और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का होगा उपयोग*

शोभित विश्वविद्यालय मेरठ,और आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन (एआरएफ) ने साझा एमओयू पर किए हस्ताक्षर, इस एमओयू के माध्यम से वे एक-दूसरे के साथ बहु वर्षीय अध्ययन के लिए सहयोग करेंगे। इस अध्ययन में कृषि क्षेत्र में कौशल विस्तार के माध्यम से तकनीकी हस्तक्षेपों द्वारा कृषि में शोध एवं विकास, विस्तार, प्रशिक्षण और यात्राएं और कृषि में कृत्रिम बुद्धिमानता और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग किया जाएगा।
यह एमओयू आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन के महाप्रबंधक श्री मोहनजी सक्सेना और शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. (डॉ.) अमर पी. गर्ग के द्वारा हस्ताक्षरित किया गया। इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी और अन्य महानुभाव उपस्थित रहे। शोभित विश्वविद्यालय और एआरएफ के बीच अनुसंधान और विकास,विस्तार,प्रशिक्षण और दौरे,कृषि में कृत्रिम बुद्धिमानता और डिजिटल प्रौद्योगिकियों का उपयोग जैसे विषयों पर मुख्य रूप से कार्य किया जाएगा।
श्री मोहनजी सक्सेना, आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन के प्रबंध अधिकारी ने शोभित विश्वविद्यालय मेरठ के साथ इस एमओयू का स्वागत किया और कहा कि यह एमओयू खेती में उभरती हुई बीमारियों, फसल खेती, प्रौद्योगिकी, खाद्य और सुरक्षा, पशु उत्पादकता, उद्यमिता विकास, और जीनप्लाज्म संरक्षण आदि पर शोध को बढ़ाने में बहुत मदद करेगा। उन्होंने भारतीय खेती के मॉडल को अपनाने और आधुनिक विज्ञान को पारंपरिक अभ्यास के साथ मेल करने की आवश्यकता पर जोर दिया। उन्होंने कहा की इस एमओयू के माध्यम से हम मिलकर बेहतर मानव और पशु स्वास्थ्य, खाद्य सुरक्षा और कृषि की ओर प्रशिक्षण, विस्तार, शोध और विकास के माध्यम से काम करेंगे।

इस प्रमुख अवसर पर बोलते हुए विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुंवर शेखर विजेंद्र जी ने कहा कि इस एमओयू के माध्यम से शोभित विश्वविद्यालय और आयुर्वेट रिसर्च फाउंडेशन (डाबर इंडिया लिमिटेड की एक शोधी शाखा) इस प्राचीन चिकित्सा प्रणाली को आयुर्वेदिक चिकित्सा की एक साधन के रूप में खोजने का प्रयास करेंगे, जो आज के समय में पीड़ित मानवता के लिए खुशहाल, स्वस्थ और समृद्ध जीवन के लिए अधिक प्रासंगिक है। यह एक भारतीय एमओयू है जिसका वैश्विक प्रभाव होगा। उन्होंने इसके अलावा कहा कि (केएसवी) आयुर्वेद मेडिकल कॉलेज और रिसर्च सेंटर, गंगोह, आयुर्वेद में शिक्षा के लिए एक प्रतिष्ठित केंद्र है, जो राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर 200 बेडों के साथ अपनी सेवाए दे रहा है।

प्रो. एम. मोनी, प्रोफेसर एमेरिटस ने कहा कि यह एमओयू आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, क्लिनिकल एआई, स्वास्थ्य सूचना विज्ञान और पशु रोग के क्षेत्र में लंबे समय तक शोध सहयोग के लिए मार्ग खोलेगा, जहां एआई और प्रौद्योगिकी इंटरवेंशन, विस्तार और क्षमता वृद्धि के माध्यम से चुनौतियों का सामना किया जाएगा। वह यह भी जोड़ते हैं कि भारत 2025 तक कृषि अभिविन्यासों के माध्यम से 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था बन कर उभरेगा।
इस अवसर पर शोभित विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉ जयानंद, वरिष्ठ निदेशक प्रोफेसर देवेंद्र नारायण, सभी विभागों के डीन एवं निदेशक मुख्य रूप से उपस्थित रहे

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