नई दिल्ली देश की राजधानी के इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास पर्व में आज ऐतिहासिक दिन है आधुनिकता और निरंतर प्रगति की ओर तेजी से बढ़ रही राजधानी दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 11,000 करोड़ रुपए की लागत से बनी 2 महत्वपूर्ण राष्ट्रीय राजमार्ग परियोजनाओं द्वारका एक्सप्रेस-वे – दिल्ली खंड और अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-2) का आज लोकार्पण किया। हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह सैनी , दिल्ली के उप-राज्यपाल विनय कुमार सक्सेना जी, दिल्ली की मुख्यमंत्री रेखा गुप्ता , केंद्रीय राज्यमंत्री अजय टम्टा , केंद्रीय राज्यमंत्री हर्ष मल्होत्रा , दिल्ली सरकार के मंत्रीगण, दिल्ली और हरियाणा के सांसदगण और अधिकारी उपस्थित थे।
आज लोकार्पित हुई दोनों परियोजनाएं दिल्ली एनसीआर और गुरुग्राम के लिए बड़ी राहत देने वाली परियोजनाएं है। यह केवल परियोजनाएं नहीं, बल्कि राजधानी क्षेत्र की गतिशीलता, पर्यावरणीय संतुलन और आर्थिक भविष्य को दिशा देने वाली संरचनाएं है दिल्ली एनसीआर के सड़क नेटवर्क में क्रांति लाने वाली परियोजना द्वारका एक्सप्रेस-वे केवल एक राजमार्ग नहीं बल्कि इंजिनियरिंग और डिजाईन का अद्वितीय नमूना है। 5,400 करोड़ रुपए की लागत वाले और 10 किमी लंबाई के इस एक्सप्रेस-वे के दिल्ली खंड में शिव मूर्ति के पास स्थित इंटरचेंज तकनीकी दृष्टि से जटिल और नवाचार से भरपूर है। यह इंटरचेंज राष्ट्रीय राजमार्ग 148AE पर प्रस्तावित नई ट्विन ट्युब सुरंग को भी जोड़ता है। लगभग 5 किमी लंबी यह प्रस्तावित टनल शिव मूर्ति इंटरचेंज से नेल्सन मंडेला मार्ग तक जाकर दिल्ली के साऊथर्न ब्रिज के नीचे 20 से 40 मीटर गहराई में निर्मित होगी। सतह पर किसी भी प्रकार का हस्तक्षेप किए बिना यह पर्यावरण को संरक्षित रखते हुए यातायात को सहज और सिग्नल रहित बनाएगी। द्वारका एक्सप्रेस-वे पर बन रहीं यह ट्विन टनल दिल्ली एनसीआर के लिए नई गति, सुरक्षित यात्रा और टिकाऊ विकास का प्रतीक है।
द्वारका एक्सप्रेस-वे का एलिवेटेड कॉरिडोर एक मल्टिकनेक्टिविटी हब है, जो यशोभूमि, बिजवासन रेलवे स्टेशन और दिल्ली मेट्रो को एक साथ जोड़ता है। द्वारका एक्सप्रेस-वे के दिल्ली खंड के पूर्ण होने से सोनीपत, बहादूरगड़, रोहतक और गुरुग्राम से एयरपोर्ट की दूरी तथा समय में भारी कमी आएगी। दिल्ली-गुरुग्राम के बीच वैकल्पिक मार्ग से राष्ट्रीय राजमार्ग 48 पर भीड़ से राहत मिलेगी।
5,600 करोड़ रुपए से निर्मित 66 किमी लंबाई की अर्बन एक्सटेंशन रोड-II (UER-2) परियोजना राष्ट्रीय राजमार्ग 44 (दिल्ली-पानीपत), राष्ट्रीय राजमार्ग 09 (दिल्ली-रोहतक) और राष्ट्रीय राजमार्ग 248BB से बेहतर संपर्क प्रस्थापित करेगी। इस 6-लेन रोड में कई एलिवेटेड सेक्शन बनाए गए है, जिससे दिल्ली, गुरुग्राम, सोनीपत और आसपास के इलाकों के ट्रैफिक में कमी आएगी। अलीपूर, नरेला, बवाना, रोहिणी, मुंडका, नजफगढ़, द्वारका, महिपालपुर, पश्चिम और दक्षिण दिल्ली जैसे इलाकों के कनेक्टिविटी में क्रांतिकारी सुधार होगा। साथ ही बहादुरगढ़ और सोनीपत को भी इससे जोड़ा गया है। चंडीगढ़-पंजाब, जम्मू और कश्मीर से दिल्ली एयरपोर्ट की यात्रा सुगम होगी। दिल्ली-हरियाणा सिंघु बॉर्डर से एयरपोर्ट की दूरी जो पहले 2 घंटे होती थी, अब सिर्फ 40 मिनट में तय की जा सकेगी।
UER-2 परियोजना में 6 मल्टि-लेवल इंटरचेंज तथा फ्लाईओवर व अंडरपास शामिल है। इस परियोजना में पर्यावरण संतुलन को भी प्राथमिकता दी गई है। भलस्वा व गाजीपुर MCD साइट्स से निकाले गए 10 लाख टन इनर्ट मटेरियल (कचरे) का उपयोग मार्ग निर्माण में किया गया है। साथ ही 10,000 हजार से अधिक पेड़ों का सफल प्रत्यारोपण किया गया है।
मोदी के नेतृत्व में राजधानी दिल्ली में इन्फ्रास्ट्रक्चर विकास के साथ साथ पर्यावरण संतुलन और प्रदूषण कम करने की दिशा में हम निरंतर प्रयासरत है कटिबद्ध है।
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