शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मोदीपुरम, मेरठ के स्कूल ऑफ़ एग्रीकल्चर साइंसेज एंड टेक्नोलॉजी द्वारा आयोजित 10 दिवसीय वर्कशॉप ऑन ड्रोन टेक्नोलॉजी इन एग्रीकल्चर में सभी ट्रेनीज ड्रोन तकनीक के विभिन्न आयामों को जानने के जिज्ञासु हैं। इसी कर्म में हमारे यहां विश्वविद्यालय में आज इस ट्रेनिंग का छठा दिन था जिसमें की सभी प्रतिभागियों ने सबसे पहले डॉ विपिन जी द्वारा ड्रोन का लाइसेंस और मेंटेनेंस के बारे एम बताया। उन्होंने बताया की ड्रोन का सही तरीके इस्तेमाल न करें तो आपको क्या पेनल्टी देनी पड़ सकती है इसके बारे में बताया। ड्रोन को इस्तेमाल करने के तीन जोन के बारे में बताया गाया। विद्यार्थियों ने जाना की ड्रोन को आप हर जगह इस्तेमाल नहीं कर सकते हैं। इसके लिए निर्धारित तीन जोन होते है जैसे ग्रीन जोन, येलो जोन एंड रेड जोन। आप सिर्फ ग्रीन जोन में ही उड़ा सकते हैं। इसके बाद डॉक्टर मनोज कुमार पांडेय जी द्वारा ड्रोन के टाइप के बारे में बताया। जिसमे मल्टीरोटर ड्रोन और फिक्स्ड विंग ड्रोन के बारे एम विस्तार से बताया।उन्होंने ड्रोन के सभी कंपोनेट्स के बारे एम विद्यार्थियों को बताया। इसके बाद सभी छात्र छात्राओं ने सरदार वल्लभभाई पटेल यूनिवर्सिटी ऑफ एग्रीकल्चर एंड टेक्नोलॉजी, मेरठ में भ्रमण किया जहां सभी विद्यार्थियों ने डॉक्टर विपिन कुमार, असिस्टेंट रिसर्च डायरेक्टर जी के तत्वावधान में ड्रोन का सजीव प्रदर्शन देखा। विद्यार्थियों ने ६ प्रोपेलर वाले ड्रोन के बारे में और इसकी कार्यक्षमता के बारे में जाना। आज के इस कार्यक्रम को सफल बनाने में प्रोफेसर डॉ सहदेव सिंह, डॉ मनोज कुमार, डॉ सोनम आर्य, डॉक्टर अंजली तोमर और आशीष कुमार त्यागी का विशेष योगदान रहा।
