शोभित विश्वविद्यालय में “समान नागरिक संहिता:एक संवैधानिक परिप्रेक्ष्य” विषय पर विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन
विभिन्न सांस्कृतिक, धार्मिक और सामाजिक संरचनाओं से सुसज्जित भारतवर्ष में सभी धर्म, धार्मिक संप्रदायों, और सांस्कृतिक वर्गों के लिए सामाजिक समरसता एक आदर्श नीति है और इस आदर्श नीति की स्थापना के एक घटक के रूप में एक समान नागरिक संहिता का अभिगमन चर्चा का प्रमुख विषय है। भारत के संविधान के अनुच्छेद 44 में राज्य के लिए नीति-निर्देश है कि वह संपूर्ण भारत में नागरिकों के लिए एक समान नागरिक संहिता प्रदान करने का प्रयास करेगा। इस अनुच्छेद जिसका उद्देश्य भारत के विविध सांस्कृतिक समूहों में विद्यमान भेदभाव का निवारण करते हुए उनके मध्य सामंजस्य स्थापित करना मात्र है, के कार्यान्वयन के लिए सार्थक पहल का अभाव प्रतिध्वनित करता प्रतीत होता है अतः विषय की गंभीरता व सार्थकता के आलोक में समान नागरिक संहिता: एक संवैधानिक परिप्रेक्ष्य विषय पर विधि संकाय, शोभित सम विश्वविद्यालय, मेरठ द्वारा शोभित विश्वविद्यालय विधि प्रबोधन श्रृंखला ‘ज्ञानार्जन’ के अंतर्गत परस्पर संवादात्मक विशेषज्ञ वार्ता का आयोजन किया गया। वार्ता के दौरान विषय विशेषज्ञ प्रोफेसर डॉ श्रीमती विनी कपूर मेहरा, संस्थापक कुलपति, राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय, सोनीपत ने विभिन्न विधिक एवं संवैधानिक प्रावधानों का उल्लेख करते हुए समान नागरिक संहिता की आवश्यकता व चुनौतियों से अवगत कराते हुए विचार व्यक्त किया कि समान नागरिक संहिता संपूर्ण भारत के सभी नागरिकों के लिए एक समान कानून के साथ सभी धार्मिक समुदायों के लिए विवाह, तलाक, भरण पोषण, उत्तराधिकार व गोद लेने आदि सभी वैयक्तिक मामलों से संबंधित कानून में एकरूपता प्रदान करना है ताकि भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 द्वारा संकल्पित समानता की अवधारणा के अनुरूप हम भारत के लोगों द्वारा ही अपने लिए आत्मार्पित संविधान के अनुच्छेद 44 में आज्ञापक प्रावधान एवं संविधान की आत्मा को जीवन प्रदान किया जा सके। परस्पर संवादात्मक विशेषज्ञ वार्ता के आरंभ में विधि संकाय के निदेशक प्रमोद कुमार गोयल ने विषय विशेषज्ञ का संक्षिप्त जीवन परिचय प्रस्तुत कर सभागार में उपस्थित सभी महानुभावों को उनकी शैक्षिक उपलब्धियों उनके सामाजिक योगदान से अवगत कराया। कुलपति प्रो डॉ जयानंद द्वारा विषय विशेषज्ञ का स्वागत करते हुए अपेक्षा की कि यह परस्पर संवादात्मक अकादमीक वार्ता ज्ञानार्जन में सहायक होगी। कार्यक्रम समन्वयक सुश्री अर्पणा त्यागी, सहायक प्राध्यापिका तथा छात्र समन्वयक सुश्री जोरिशा व सुश्री दीक्षा गौड़ द्वारा विश्वविद्यालय प्रशासन से समन्वय कर कार्यक्रम का सफल व प्रभावी संचालन किया गया। इस विचारोतेजक विमर्श वार्ता में विश्वविद्यालय के प्राध्यापकगण व छात्रों ने सक्रिय प्रतिभाग किया।