एसीएफ अभियान में खोजे जा रहे नए टीबी मरीज

एसीएफ अभियान में खोजे जा रहे नए टीबी मरीज

जिला जेल, अनाथ आश्रम, नारी निकेतन, ओल्ड एज होम, कुष्ठ आश्रम और मदरसों में की गई स्क्रीनिंग

कल यानी 24 फरवरी से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर.घर जाकर टीबी मरीजों को खोजने का काम शुरू

मेरठ। टीबी को जड़ से खत्म करने के उद्देश्य से शासन के निर्देश पर जनपद में सक्रिय क्षय रोगी खोज .एसीएफ अभियान शुरू हो गया है। 20 फरवरी से शुरू हुए इस अभियान के तहत जिला जेल अनाथ आश्रम नारी निकेतन ओल्ड एज होम कुष्ठ आश्रम और मदरसों की स्क्रीनिंग की जा रही है। 3 दिन में 25124 की स्क्रीनिंग की गई। जिसमें से 76 संभावित रोगी मिले हैं । जिनकी जांच कराई जा रही है। कल यानी 24

फरवरी से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर.घर जाकर टीबी मरीजों को खोजने का काम करेंगी।
जिला क्षय रोग अधिकारी डीटीओ. डा. गुलशन राय ने बताया  सक्रिय क्षय रोगी खोज एसीएफ अभियान  के लिए विभाग ने प्लान तैयार किया है। पहले चार दिन टीम जिला जेल मदरसों में स्क्रीनिंग करेंगी। इस दौरान स्क्रीनिंग के साथ.साथ क्षय रोग के बारे में संवेदीकरण किया जाएगा। खासकर धर्मगुरुओं से अपील की जाएगी कि वह समाज में क्षय रोग के प्रति जागरूकता में क्षय रोग विभाग की मदद करें। आवासीय संस्थानों के बाद घर.घर क्षय रोगी खोजने के लिए स्क्रीनिंग की जाएगी।
24 फरवरी से स्वास्थ्य विभाग की टीम घर.घर जाकर टीबी मरीजों को खोजेंगी। इस दौरान संभावित मरीजों की सूची तैयार कर जांच कराई जाएगी उसके उपरांत पॉजिटिव मिलने वाले मरीजों का इलाज शुरू किया जाएगा।
क्षय उन्मूलन कार्यक्रम के जिला समन्वयक नेहा सक्सेना ने बताया. क्षय रोग विभाग की टीम भ्रमण के दौरान टीबी के बारे में जागरूक भी कर रही है। लोगों को बताया जा रहा है कि टीबी से मिलते . जुलते लक्षण आने पर अपने नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र जाकर जांच अवश्य कराएं। टीबी पूरी तरह साध्य रोग है लेकिन इसे छिपाने से रोग गंभीर रूप धारण कर लेता है और साथ ही फेफड़ों की टीबी होने पर इस बीच आसपास रहने वाले अन्य लोगों को भी टीबी का संक्रमण होने का खतरा बढ़ जाता हैए क्योंकि फेफड़ों की टीबी संक्रामक होती है। टीबी उन्मूलन तभी संभव है जब लक्षण आते ही इसकी जांच और पुष्टि होने पर उपचार शुरू कर दिया जाए।
जिला पीपीएम कोऑर्डिनेटर शबाना बेगम ने बताया कि अभियान में तीन दिनों में 25124 लोगों की स्क्रीनिंग की गई। इस दौरान 76मरीजों के सैंपल लिए गए। दिन की रिपोर्ट का इंतजार किया जा रहा है। मुस्लिम धर्म गुरुओं का अभियान में काफी सहयोग मिल रहा है। वह लोगों को टीबी के प्रति जागरूक करने में अहम भूमिका निभा रहे है।

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