सुर-ताल के साथ इठलायी पूर्णिमा की रात राम छाटपार शिल्प न्यास इंडिया का आर्ट एक्सबिशन और संगीत पूर्णिमा

सुर-ताल के साथ इठलायी पूर्णिमा की रात
राम छाटपार शिल्प न्यास इंडिया का आर्ट एक्सबिशन और संगीत पूर्णिमा
वाराणसी। सामने घाट स्थित श्री राम छाटपार शिल्प न्यास इंडिया के तत्वावधान में बुधवार को आर्ट एक्सबिशन और संगीत पूर्णिमा यादगार सजा। कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ.कपिल एम. त्रिविदी, हर्ष शर्मा, प्रो.मदन लाल गुप्ता द्वारा दीप प्रज्ज्वलित कर किया गया। इसके उपरांत आठ विद्यार्थियों ने प्रो. मदन लाल गुप्ता द्वारा अजोजित वर्कशॉप में सिखे कला का प्रदर्शन किया। वहीं, संगीत पूर्णिमा में दहोज गुजरात से कलाकार लोकेश शर्मा के तबला सोलो की प्रस्तुति दी। उन्होंने वादन में तीन ताल में उठान, कायदा, पेशकार, रेला, टुकड़ा, तिहाई को बखूबी श्रोताओं तक पहुंचाया। हारमोनियम पर डॉ. इंद्रदेव चौधरी ने संगत किया । दहोज के ही अथिति कलाकार डॉ .कपिल एम. त्रिविदी ने सुरों को सााधा। उन्होंने राग गावती की अवतारणा करते हुए इसमें विलम्बित एकताल की बंदिश को पिरोया। बंदिश के बोल थे आस लागि तुम्हरे चरण की…। इसके पश्चात द्रुत तीन ताल में निबद्ध बंदिश बंदिश हमरी पार करो माही… सुनाया। इसी कड़ी में उन्होंने राग जयंत मल्हार की अवतारणा करते हुए इसमें एक ताल में निबद्ध बंदिश काहू काशन ना साधनि… और तीन ताल की बंदिश सावन में बरसे बुदारिया…को साधा। अपनी गायिकी को विराम राग मदुरसलावारी में एकताल में निबद्ध बंदिश से दिया। बोल थे मन मंदिर श्याम आये सुनाया…। तबले पर लोकेश शर्मा और हारमोनियम पर इंद्रदेव चौधरी ने संगत किया। कार्यकम में डॉ. ब्रह्मा, डॉ. राजेश, आदित्य दीप, राजश्री गुप्ता, अजय उपासनी, ब्रजराज त्रिपाठी, शमिता, पिंकी त्रिपाठी, उदय प्रताप पॉल, प्रखर दुबे, शिव प्रताप पॉल, आशुतोष भट्टाचार्य, नरेन्द्र मिश्र, प्रो. सुनील विश्वकर्मा आदि कलाकार व श्रोता मौजूद थे।

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