शोभित विश्वविद्यालय में यौन उत्पीड़न के संरक्षण, रोकथाम के संबंध में जागरूकता कार्यक्रम का आयोजन

10 जून 2023 को शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी, मेरठ की आंतरिक शिकायत समिति द्वारा “कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न की सुरक्षा, रोकथाम और न्यायिक समाधान” पर एक जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत डॉ निधि त्यागी, आंतरिक शिकायत समिति की अध्यक्ष के स्वागत भाषण से हुई। माननीय प्रो वाइस चांसलर, प्रो. (डॉ.) जयानंद ने अपने ज्ञान के शब्दों में आशीर्वाद दिया और कहा कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के अर्थ को जानना और इस पर उचित रूप से प्रतिक्रिया करना बहुत महत्वपूर्ण है।

मुख्य वक्ता प्रो. डॉ। पूनम देवदत्त, मनोविज्ञान और मानव व्यवहार केंद्र के निदेशक ने महिलाओं की वर्तमान स्थिति, महिलाओं के खिलाफ अपराध के प्रकार और महिलाओं को सशक्त करने वाले कानूनों के बारे में बात की। प्रो. (डॉ.) पूनम देवदत्त ने यह भी समझाया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिए कौन-कौन से कार्यक्रम शामिल होते हैं, इसके संबंधित कानून क्या हैं और इस तरह के मुद्दों के लिए न्यायिक समाधान। उन्होंने कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न को तेज़ करने वाले मनोवैज्ञानिक कारकों के बारे में भी समझाया।

दूसरे मुख्य वक्ता स्कूल ऑफ लॉ एंड कांस्टीट्यूशनल स्टडीज विभाग के निदेशक एवं पूर्व न्यायाधीश प्रोफेसर प्रमोद कुमार गोयल ने “महिलाओं के कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न (रोकथाम, सुरक्षा और न्यायिक समाधान) अधिनियम, 2013” के मूल्यांकन के बारे में बात की। उन्होंने यह भी बताया कि कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न कितना सामान्य है और महिलाएं कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न क्यों रिपोर्ट नहीं करती हैं, इससे संबंधित महत्वपूर्ण मुद्दों पर भी ध्यान दिया। श्री प्रमोद कुमार गोयल ने यौन उत्पीड़न का शिकायत पत्र भरने की प्रक्रिया और कार्यस्थल पर यौन उत्पीड़न के लिए सज़ा के बारे में भी समझाया। कार्यक्रम का संचालन नेहा भारती द्वारा किया गया कार्यक्रम को धन्यवाद ज्ञापन के साथ समाप्त किया गया, इस अवसर पर प्रो. (डॉ.) विनोद कुमार त्यागी,विश्वविद्यालय के मीडिया प्रभारी प्रोफेसर डॉ अभिषेक डबास, डिप्टी रजिस्ट्रार श्री रमन शर्मा डॉ. शैल ढाका, नेहा भारती,डॉ. ज्योति शर्मा, डॉ. कुलदीप कुमार, डॉ. परांतप कुमार दास, डॉ. अनिल कुमार निशाद, डॉ. निशांत पाठक, श्री पवन कुमार, अर्पणा त्यागी, अपूर्वा मिश्रा, नीरज, पल्लवी जैन, जातिका कथुरिया मुख्य रूप से उपस्थित रहे।

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