मेडिकल ह्रदय रोग विभाग बंद किया दिल का छेद

मेडिकल के ह्रदय रोग विभाग में डिवाइस क्लोजर विधि से बंद किया गया दिल का छेद
मेडिकल कालेज के मीडिया प्रभारी डा वी डी पाण्डेय ने बताया कि मेडिकल कॉलेज मेरठ के सुपरस्पेशलिटी ब्लॉक स्थित ह्रदय रोग विभाग में दो बच्चों के दिल के जन्मजात छेद बीना चीरा लगाये डिवाइस के माध्यम से बंद किया गया। मेडिकल की भाषा में इस बीमारी को एट्रियल सेप्टल डिफेक्ट कहते हैं और इसमें दिल के बाएं भाग में रक्त प्रवाह होने के बजाय दाएं भाग के रास्ते फेफड़ों में अत्यधिक मात्रा में रक्त का प्रवाह होता है। 6 मई को अयन 12 वर्ष पुरुष निवासी इत्तेफाक नगर मेरठ तथा 12 मई को ध्रुवी 3.6 वर्ष के दिल के छेद को डा शशांक पाण्डेय डा सी बी पाण्डेय डा कनिका सिंघल की टीम ने डिवाइस क्लोजर के माध्यम से बंद किया। दोनो ही ऑपरेशन सफल रहे तथा दोनो की छुट्टी कर दी गई है।
डा शशांक पाण्डेय ने बताया कि अयान का आयुष्मान योजना और ध्रुवी का राष्टीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत निशुल्क इलाज किया गया है।
मेडिकल कॉलेज के प्रधानाचार्या डा आर सी गुप्ता ने डा शशांक पाण्डेय डा सी बी पाण्डेय डा कनिका सिंघल एवम उनकी टीम को सफल ऑपरेशन हेतु बधाई दी।

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