बदायूं-ज़िले के सहसवान एसडीएम विजय कुमार मिश्रा द्वारा अधिवक्ताओं के साथ किए गए अशोभनीय व्यवहार और कोर्ट में बैठकर मुकदमे सुनने की बजाए चैम्बर में अधिवक्ताओं को बुलाकर मुकदमे सुनने के मामले में जिला अधिकारी ने बार एसोसिएशन के प्रतिनिधिमंडल की शिकायत को गंभीरता से लेते हुए मामले की जांच अपर जिलाधिकारी को सौंपी है।एसडीएम विजय कुमार मिश्रा के द्वारा वरिष्ठ अधिवक्ताओं के साथ बार-बार अशोभनीय व्यवहार किया जा रहा है और वह मुकदमे की सुनवाई कोर्ट में बैठकर नहीं करते हैं, अधिवक्ताओं को अपने चेंबर में बुलाते हैं। उनके चेंबर में मुकदमे की सुनवाई के दौरान राजनीतिक लोग बैठे रहते हैं जिस पर अधिवक्ताओं को और आपत्ति है। इस संबंध में बार एसोसिएशन द्वारा 3 अप्रैल को एक प्रस्ताव एसडीएम विजय कुमार मिश्रा को भेजा गया था। जिसमें बताया गया था कि आपका कार्य व्यवहार अधिवक्ताओं के प्रति ठीक नहीं है आप उसमें सुधार कर लें अन्यथा आपकी शिकायत जिलाधिकारी और कमिश्नर बरेली से की जाएगी। इस प्रस्ताव के संबंध में एसडीएम के पेशकार आशु सक्सेना ने बार के अध्यक्ष महावीर सिंह यादव को कई बार फोन कर अवगत कराया की एसडीएम आपको वार्ता के लिए अपने चेंबर में बुला रहे हैं। जब अधिवक्ता गण वार्ता करने उनके चेंबर में पहुंचे तब उन्होंने अधिवक्ताओं से ही उल्टा सवाल कर लिया की बताइए आप लोग कैसे आए हैं। अध्यक्ष महावीर सिंह यादव ने कहा कि आपने ही वार्ता को बुलाया है तब एसडीएम को अपनी भूल का एहसास हुआ। वार्ता शुरू होते ही एसडीएम अधिवक्ताओं पर भड़क उठे।
इस पूरे प्रकरण की शिकायत बार एसोसिएशन के एक प्रतिनिधिमंडल ने जिला बार एसोसिएशन के अध्यक्ष और महासचिव के साथ जिलाधिकारी से मुलाकात पर पूरे प्रकरण से अवगत कराया। मामले की गंभीरता को समझते हुए जिलाधिकारी ने जांच अपर जिलाधिकारी को सौंपते हुए एक सप्ताह में अपनी रिपोर्ट देने को कहा है। जिलाधिकारी ने यह भी आदेश दिया है कि वह दोनों पक्षों से अलग-अलग वार्ता कर उनका पक्ष सुने।
अधिवक्ताओं का आरोप है की एसडीएम विजय कुमार मिश्रा राजस्व संहिता की धारा 38 और 24 की पत्रावलियों को काफी- काफी समय तक लटकाए रखते हैं सभी औपचारिकताएं पूर्ण होने के बाद भी आदेश नहीं करते हैं। इस संबंध में बार एसोसिएशन के पदाधिकारी ने कई बार उनसे शिकायत की मगर उनकी कार्यप्रणाली पर कोई फर्क नहीं पढ़ा।