विषय-बिजली के निजीकरण ,प्रस्तावित मूल्य वृद्धि,एवं बिजली से सम्बंधित अन्य समस्याओ के सम्बंध में,
मेरठ बिजली विकास का आधार है। बिना बिजली के कोई रह नहीं सकता। सरकार की जिम्मेदारी है कि सभी को बिजली सुलभ हो। निजी कम्पनियां बिजली से मुनाफा कमाने के लिए बिजली के रेट बढायेंगी। उ0 प्र0 सरकार द्वारा 30 फीसदी बिजली के रेट बढाने का प्रस्ताव बिजली कम्पनियों को पहले से ही बिजली के रेट बढा कर देना है। बिजली विभाग के घाटे का जो तर्क दिया जा रहा है वह आधारहीन है।19600 करोड रू0 का घाटा बढा चढाकर दिखाया गया है। जबकि 72000 करोड रू से अधिक के बिजली बिल सरकारी विभागों और बडे बडे उपभोक्ताओं पर बकाया पडे है। उन्हें बसूला जाना चाहिए। बिजली के निजी क्षेत्र में जाने से आम आदमी के बिजली का उपयोग करना दुर्लभ हो जायेगा। संयुक्त किसान मोर्चा उ0प्र0 24 जून के राज्यव्यापी आन्दोलन के जरिए आपसे निम्न मांग करती है-
1. दक्षिणाचल वि वि निगम व पूर्वांचल वि वि निगम के निजीकरण का फैसला वापस लिया जाय।
2. स्मार्ट मीटर लगाने, बिजली के रेट ईंधन से जोडने का फैसला वापस लिया जाय। दिन और रात के समय पीक आवर्स के बिजली के रेट अलग-अलग तय करने का नियम वापस लिया जाय।
3. बिजली के 45फीसदी रेट बढाने का प्रस्ताव वापस लिया जाय।
4. किसानों को नलकूपों के लिए कम से कम 18 घंटे, ग्रामीण क्षेत्र में घरेलू बिजली 20 घंटे, षहरी क्षेत्र में 24 घंटे बिजली की आपूर्ति सुनिष्चित की जाए।
5. उ0 प्र0 सरकार 300 यूनिट तक फ्री बिजली, अप्रैल 2023 से नलकूपों केे विल माफ करने के वायदे को बिना शर्त पूरा किया जाय।
6. बिजली उपभेक्ताओं से अवैद्य रूप से बसूले टैक्स का 31725 करोड रू पैसा बिजली विभाग पर जमा है उसे बिजली के बिलों में समायोजित किया जाय।
7. बिजली कनेक्शन काटने व जोडने पर लिए जाने वाला पैसा समाप्त किया जाय।
8. बिजली विभाग में रिक्त पडे स्थानों को भरा जाए। सभी संविदा कर्मियों को नियमित किया जाय।
9. जर्जर तार खम्बे ट्रांसफार्मर बदले जाएं। ताकि हो रही जानलेवा दुर्घटनाओं को रोका जा सके। 10. गन्ने कीएमएसपी 500₹ कुंतल कर खरीद की गारन्टी, किसानों के बकाया का भुगतान और बंद चीनी मिलों को चालू किया जाय. 11. सहकारिता विभाग में किसानों के कर्ज पर बढ़ाए गए व्याज को तत्काल वापस लिया जाय
मनीष भारती प्रवक्ता जय किसान आजाद