शोभित विश्वविद्यालय में “डिजाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिजाइन” पर एक सप्ताहीय आइडिएशन वर्कशॉप का समापन

शोभित विश्वविद्यालय में “डिजाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिजाइन” पर एक सप्ताहीय आइडिएशन वर्कशॉप का समापन

मेरठ: शोभित इंस्टिट्यूट ऑफ़ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी), मेरठ के शोभित यूनिवर्सिटी आइडिया लैब द्वारा आयोजित डिजाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिजाइन” पर एक सप्ताहीय आइडिएशन वर्कशॉप का सफल समापन हुआ। इस समापन समारोह में छात्रों की नवाचार क्षमता और तकनीकी दक्षता को नए आयाम देने की प्रतिबद्धता को रेखांकित किया गया।

समारोह की शुरुआत वर्कशॉप के समन्वयक डॉ. लोमस कुमार तोमर के स्वागत भाषण से हुई, जिसमें उन्होंने सभी अतिथियों और प्रतिभागियों का हार्दिक अभिनंदन किया। उन्होंने छात्रों की उत्साही भागीदारी और नवाचार के प्रति उनके समर्पण की सराहना की। इसके बाद डॉ. जयंत महतो ने वर्कशॉप के दौरान सिखाई गई प्रमुख तकनीकों और कौशलों का संक्षिप्त लेकिन प्रभावशाली विवरण प्रस्तुत किया।

इस अवसर पर माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) वी.के. त्यागी ने प्रतिभागियों के साथ संवाद स्थापित करते हुए उनसे उनके सीखने के अनुभव और वर्कशॉप से मिली प्रमुख सीख के बारे में चर्चा की। उन्होंने छात्रों से प्रशिक्षण सत्रों पर फीडबैक भी लिया, जिसमें छात्रों ने बताया कि उन्होंने 3D मॉडल डिजाइनिंग, 3D प्रिंटिंग, लेज़र कटिंग और एनग्रेविंग टेक्नोलॉजी और इलेक्ट्रॉनिक कंपोनेंट इंटीग्रेशन में व्यावहारिक अनुभव प्राप्त किया है, जो कि फंक्शनल प्रोटोटाइप विकसित करने के लिए आवश्यक हैं।

सबसे उल्लेखनीय बात यह रही कि वर्कशॉप के दौरान छात्रों ने नवाचार की दिशा में तीन प्रमुख प्रोजेक्ट्स को विकसित करने की प्रतिबद्धता जताई—
1. ह्यूमनॉइड रोबोट
2. ड्रोन
3. रोबोटिक आर्म

इन तीनों प्रोजेक्ट्स पर कार्य करने के लिए तीन अलग-अलग टीमों का गठन किया गया है, जिससे छात्रों को वास्तविक औद्योगिक परियोजनाओं के अनुरूप अनुसंधान और विकास का व्यावहारिक अनुभव मिलेगा।

समारोह के अंत में सभी सक्रिय प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र प्रदान किए गए, जिससे उनके समर्पण और नवाचार के प्रति प्रतिबद्धता को सम्मानित किया गया।

शोभित विश्वविद्यालय सतत रूप से छात्रों को नवाचार और तकनीकी उत्कृष्टता की ओर प्रेरित कर रहा है, और इस तरह की वर्कशॉप्स छात्रों के व्यावहारिक ज्ञान और उद्योग-अनुकूल कौशल विकसित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती हैं।

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