एक कावड़ राम मंदिर के नाम

एक कांवड़ राम मंदिर के नाम (द्वितीय कावड़ यात्रा) 26 जुलाई को शाम 7:00 बजे हर की पैड़ी पर सभी शिव भक्तों ने गंगा स्नान कर मां गंगा की आरती की तथा जल भरकर राम मंदिर मॉडल के रथ में रखकर जय श्री राम व हर हर महादेव के उद्घोष के साथ सभी शिवभक्त बलराज डूंगर व गोपाल शर्मा के नेतृत्व में चल पड़े। रात्रि विश्राम सभी शिव भक्तों ने वात्सल्य वाटिका बहादराबाद में किया। वात्सल्य वाटिका की विशेषता यह है कि यहां ऐसे प्रदेशों के बच्चों को छात्रावास में रखकर निशुल्क शिक्षा दी जाती है जिन प्रदेशों में हिंदुओं का बड़ी संख्या में धर्मांतरण कराया जा रहा है तथा हिंदू वहां अल्पसंख्यक हो गया है।जैसे मेघालय , मिजोरम, त्रिपुरा नागालैंड, आसाम आदि प्रदेशों के बच्चे यहां रहकर निशुल्क शिक्षा ग्रहण करते हैं तथा शिक्षा के साथ-साथ सनातन संस्कृति तथा हिंदुत्व के लिए समर्पित होने का भाव उनके अंदर आ जाता है। 27 जुलाई की प्रातः 6:00 बजे आरती कर जय श्री राम व हर हर महादेव के उद्घोष के साथ वात्सल्य वाटिका से चलकर दोपहर में सभी शिव भक्तों ने ढंडेरी गांव में दोपहर में विश्राम किया। बलराज डूंगर व गोपाल शर्मा के नेतृत्व में चलने वाले शिव भक्त जय श्री राम व हर हर महादेव के जयकारे लगाते हुए यात्रा में अनुशासन का पालन करते हुए चल रहे हैं।
भवदीय-
बलराज डूंगर यात्रा आयोजक
गोपाल शर्मा यात्रा आयोजक

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