सदर आर्य समाज दयानंद पथ पर आयोजित साप्ताहिक सत्संग संग यज्ञ के साथ भजन ज्ञान ध्यान का मधुर भजन श्रीमती सुमन जैन जी (रानी मिल वाली) ने सदस्या संग बहुत भजन पाठ किया तत्पश्चात मांगे राम सदर आर्य समाज के मंत्री ने अपने उद्बोधन दिया जिसमें ईश्वर की महानता का वर्णन सत्यार्थ प्रकाश के आधार पर बड़े ही सुंदर ढंग से प्रस्तुत किया, वहीं समाज के पूर्व प्रधान चंद्र कांत ने आर्य समाज के 10 नियमों में से 5 नियमों को विस्तृत रूप से समझाया सभी ने बड़े निष्ट भाव से सुना तथा कांवड़ के समय आकस्मिक जान गवा देने वाले बाबा के भक्तों के लिए दो मिनट मौन हो कर उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रभु से प्राथना की। नवंबर में होने वाले ऋषि की 200वीं जन्म जयंती के उपलक्ष में बड़े कार्यक्रम की चर्चा की ओर सबसे आवाहन किया ओर पूरा विवरण विस्तार से बताया, जिमखाना मैदान में यह आयोजन तय हुआ है।जिसमें आपने पूरा पूरा सहयोग बड़ी धन राशि के रूप में भी देने की संस्तुति प्रदान की। थापर नगर में आयोजित एक विशेष बैठक में सबसे जाने का निवेदन भी किया।।
अंत में सदर आर्य समाज के वर्तमान प्रधान कवि विजय प्रेमी ने ऋषि वर दयानंद पर ताजे छंद पढ़े । जबरदस्त तालियां बटोरीं।
कार्य क्रम में आशोतोष जी धीरज अग्रवाल जी, श्री मति अनिल सिंह जी श्री मति निर्मल सिंह जी, अजय मित्तल जी भी उपस्थित रहे जिनोहने स्वास्थ से संबंधित अपने स्व लिखित संदेशों को पत्रक के रूप में वितरित किया। शांति पाठ एवम
प्रसाद वितरण के पश्चात सत्संग संपन्न हुआ।
