शोभित विश्वविद्यालय के छात्र यूनाइटेड नेशन के अंतरराष्ट्रीय प्रोजेक्ट पर नमामि गंगे के साथ मिलकर करेगा कार्य
शोभित विश्वविद्यालय के जनसंपर्क अधिकारी प्रो डॉ अभिषेक डबास ने महत्वपूर्ण जानकारी साझा करते हुए बताया कि हाल ही में दिल्ली में आयोजित नमामि गंगे के एक कार्यक्रम में यूनाइटेड नेशन द्वारा नामित संस्था की सदस्य ईयूही द्वारा बताया गया कि यूनाइटेड नेशन द्वारा 4 देशों अमेरिका भारत कोरिया एवं चाइना की नदियों को किस प्रकार स्वच्छ किया जाए इस पर प्रोजेक्ट के प्रपोजल मांगे गए। भारत से जल शक्ति मंत्रालय द्वारा संचालित नमामि गंगे प्रोजेक्ट को यूनाइटेड नेशन द्वारा स्वीकृत किया गया है मेंबर यूनाइटेड नेशन द्वारा एक प्रपोजल मांगा गया जिसमें भारत की विभिन्न विश्वविद्यालयों द्वारा प्रतिभाग किया गया जिसमें से शोभित विश्वविद्यालय का प्रपोजल यूनाइटेड नेशन द्वारा स्वीकृत कर लिया गया है जिसके लिए आज शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रोफेसर ए पी गर्ग द्वारा चार सदस्यों की एक कमेटी गठित की गई जिसमें विश्वविद्यालय के प्रति कुलपति प्रोफेसर डॉक्टर जयानंद स्कूल ऑफ बिजनेस स्टडीज विभाग के निदेशक प्रोफेसर डॉ राजुल दत्त विधि विभाग के निदेशक श्री प्रमोद कुमार गोयल डीन स्कूल ऑफ इंजीनियरिंग प्रोफेसर डॉ विनोद कुमार त्यागी, प्रो डॉ दिव्य प्रकाश रहे। कमेटी द्वारा विश्वविद्यालय के सभी विभागों के छात्रों को भारत की नदियों को अविरल एवं स्वच्छ बनाने तथा उससे निकलने वाले कूड़े को किस प्रकार दोबारा से इस्तेमाल कर उसे आर्थिक लाभ लिया जाए इसके ऊपर उनके द्वारा बताए गए अद्वितीय विचार, संचार कौशल, अंतर्राष्ट्रीय भाषा की समझ और वीडियो निर्माण जैसे महत्वपूर्ण बिंदुओं पर परखा गया। तत्पश्चात छात्रों द्वारा बताए गए महत्वपूर्ण बिंदुओं को ध्यान में रखते हुए एवं उनके कौशल को देखते हुए 6 छात्रों का चुनाव किया गया जिसमें तृष्णा सिंह बीए एलएलबी, विशाखा चौहान एमएससी माइक्रोबायोलॉजी, दिवेश कुमार बीटेक कंप्यूटर साइंस, अभय कुमार बीटेक कंप्यूटर साइंस, गौरव अग्रवाल बीटेक बायोमेडिकल एवं खुशी बीटेक कंप्यूटर साइंस का चुनाव किया गया। यह सब छात्र मिलकर भारत की नदियों को कैसे स्वच्छ एवं अविरल बनाकर उनसे निकलने वाले कूड़े का दोबारा से किस प्रकार इस्तेमाल कर नए प्रोडक्ट का निर्माण और अन्य उपयोगी वस्तुओं में परिवर्तित कर आर्थिक लाभ कमा कर देश की अर्थव्यवस्था में भागीदारी की जा सके इस पर अपने अद्वितीय विचार प्रस्तुत करेंगे। जिसके लिए उनके द्वारा किया गया रजिस्ट्रेशन भी स्वीकृत कर लिया गया है अब यह सब छात्र इंटरनेशनल वर्चुअल यूनिवर्सिटी के छात्र बन गए हैं इन सभी छात्रों को चारों देशों के शिक्षकों द्वारा शिक्षित किया जाएगा उसके बाद यह सभी छात्र अपना अपना प्रोजेक्ट सबमिट करेंगे अगर इस प्रोजेक्ट को यूनाइटेड नेशन द्वारा स्वीकृत कर लिया गया तो यह छात्र यूनाइटेड नेशन में जाकर इस प्रोजेक्ट को सबके सामने प्रस्तुत करेगा। जिसका समस्त खर्च यूनाइटेड नेशन द्वारा वहन किया जाएगा।