योगेश मोहन जी
22 अप्रैल, 2025 को पृथ्वी का स्वर्ग कहलाने वाली कश्मीर घाटी के पहलगाम में हुए आतंकवादी हमले से समस्त भारतीयों में आक्रोश की ज्वाला धधक रही थी, जिससे प्रत्येक भारतीय का हृदय रूदन कर रहा था कि किस प्रकार निर्दोष लोगों को धर्म की आड़ में मौत के घाट उतार दिया गया। इसी के प्रत्युत्तर में दिनांक 7 मई, दिन बुधवार रात्रि 1ः05 बजे, भारत की वायुसेना ने 25 मिनट के अपने सैन्य ऑपरेशन से पाकिस्तान के अन्दर 100 किलोमीटर तक के क्षेत्र में 9 आतंकवादी स्थलों पर एक साथ हमला करके, पाकिस्तान के द्वारा संरक्षण प्राप्त किए 31 दहशतगर्दाे को समाप्त कर सम्पूर्ण विश्व को अचम्भित कर दिया। पाकिस्तान का कुख्यात आतंकवादी तथा सभी पाकिस्तानी आतंकवादी गतिविधियों में संलग्न अजहर मसूद के परिवार के 14 सदस्यों, जिनमें उसकी पत्नी, बहन, जीजा, भतीजे, भांजे, माँ एवं 3 सहयोगियों को भारतीय सेना ने मिसाइल हमले से दोजख पहुँचा दिया। इस अचानक हुए आक्रमण से हतप्रभ, पाकिस्तान की सेना 25 मिनट तक अपने बंकरों में छिपकर व हवाई जहाजों को हवाई अड्डों के बंकरो में छुपाकर, भारतीय जवानों के ‘ऑपरेशन सिंदूर‘ को मूक दर्शक सदृश देखती रही।
भारत ने पाकिस्तान में सैन्य क्षमता का ऐसा अद्भुत प्रदर्शन किया, जिससे पाकिस्तान के नेतागण एवं उनकी फौज के जनरल किंकर्तव्यविमूढ़ हो गए और उन्होंने सम्पूर्ण विश्व में अपनी रक्षार्थ विभिन्न प्रयास करने प्रारम्भ कर दिए, परन्तु कोई भी देश, पाकिस्तान की सहायता हेतु, भारत से मैत्रिय संबंधों के कारण आगे नहीं आया। सम्पूर्ण विश्व के द्वारा इस प्रकार की प्रतिक्रिया का होना, निश्चिततः मोदी जी की राजनीतिक लोकप्रियता की जीत है।
भारत के समक्ष एक ऐसा स्वर्णिम अवसर स्वयं ही चलकर आया है, जिससे विगत 78 वर्षों के नासूर को समूल नष्ट करके, पाकिस्तान के द्वारा अधिकृत कश्मीर पर अपना तिरंगा फहरा सकें। साथ ही ब्लूचिस्तान को भी पाकिस्तान के चंगुल से मुक्त कराकर एक स्वतंत्र राष्ट्र की मान्यता दिलानें में अपनी सहायता प्रदान कर सकें।
आज बांग्लादेश की सेना भारत का पूर्ण समर्थन व सहयोग करने हेतु तत्पर है और वे भारत के एक संकेत पर बांग्लादेश की वर्तमान नापाक सरकार को सत्ताहीन करने हेतु तत्पर है। यही स्वर्णिम अवसर है कि बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के रिश्तेदार आर्मी के जनरल वकार उज जमान को भारत का यदि आंशिक सहयोग भी प्राप्त हो जाता है तो वे वर्तमान यूनिस सरकार का तख्ता पलट करने के लिए पर्याप्त है। फलस्वरूप शेख हसीना पुनः भारत के सहयोग से सत्तारूढ़ होगी और बंग्लादेश में अनैतिक रूप से प्रवेश किए हुए पाकिस्तानी और चीनी नागरिकों को वहाँ से खदेड़ने में सफल होंगे। यदि ऐसा सम्भव हो जाता है तो भारत के सहयोगी देशों की संख्या मे बंग्लादेश पुनः जुड़ जाएगा। भारत के लिए यही सुअवसर है, जिसका गहन चिंतन करके लाभ उठाया जा सकता है साथ ही भारत को यह भी ध्यान रखना होगा कि आंशिक चूक भी अत्यधिक कष्टकारी हो सकती है। परन्तु हम भारतीयों को, माननीय प्रधानमंत्री मोदी जी के निर्णय लेने की क्षमता पर पूर्ण विश्वास है और भविष्य में भी आशा है कि वे परमपिता परमात्मा के आशीर्वाद से हम भारतीयों के हित में जो भी निर्णय लेंगे वो देश के लिए हितकारी, सुखद व नवीन आशा की किरणों से युक्त होगा। सर्प को घायल कर छोड़ा नहीं जाता, वह और खतरनाक हो जाता है। अतः उसका समूल नष्ट होना ही श्रेयस्कर होता है।
योगेश मोहन