शोभित विश्वविद्यालय में ‘डिजाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिज़ाइन’ पर एक सप्ताहीय आइडिएशन वर्कशॉप का भव्य उद्घाटन
मेरठ। शोभित इंस्टीट्यूट ऑफ इंजीनियरिंग एंड टेक्नोलॉजी (डीम्ड-टू-बी यूनिवर्सिटी), मेरठ में SU-AICTE IDEA Lab द्वारा आयोजित ‘डिज़ाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिज़ाइन’ विषय पर एक सप्ताहीय आइडिएशन वर्कशॉप का भव्य उद्घाटन 18 फरवरी को संपन्न हुआ।
कार्यक्रम का शुभारंभ डॉ. लोमस कुमार तोमर (कार्यक्रम समन्वयक) के स्वागत भाषण से हुआ, जिसमें उन्होंने सभी गणमान्य अतिथियों, विशेषज्ञ प्रशिक्षकों और विद्यार्थियों का हार्दिक स्वागत किया। उन्होंने वर्कशॉप की प्रमुख गतिविधियों और इससे मिलने वाले ज्ञान व कौशल के बारे में विस्तार से जानकारी दी।
माननीय प्रो-वाइस चांसलर प्रोफेसर (डॉ.) जयानंद ने अपने संबोधन में नवाचार और डिज़ाइन थिंकिंग के महत्व पर प्रकाश डाला। उन्होंने बताया कि इस तरह के प्रशिक्षण कार्यक्रम विद्यार्थियों को न केवल नए विचारों को मूर्त रूप देने में सहायता करते हैं बल्कि उन्हें एक सफल आविष्कारक और उद्यमी बनने के लिए आवश्यक कौशल भी प्रदान करते हैं। साथ ही, उन्होंने पेटेंट फाइलिंग की महत्ता पर भी चर्चा की और बताया कि यह प्रक्रिया किस तरह नवाचार को बढ़ावा देती है।
कानूनी और संवैधानिक अध्ययन संकाय के डीन प्रोफेसर (डॉ.) प्रमोद गोयल ने बौद्धिक संपदा अधिकार (IPR) के महत्व पर प्रकाश डालते हुए बताया कि किसी भी नए विचार या नवाचार को कानूनी सुरक्षा कैसे दी जा सकती है और उसे व्यावसायिक रूप से कैसे उपयोग में लाया जा सकता है।
माननीय कुलपति प्रोफेसर (डॉ.) वी.के. त्यागी ने अपने संबोधन में इस प्रशिक्षण कार्यक्रम को विद्यार्थियों के डिज़ाइन थिंकिंग, क्रिटिकल थिंकिंग और इनोवेशन डिज़ाइन कौशल को विकसित करने के लिए एक प्रभावी मंच बताया। उन्होंने कहा कि इस तरह के नवाचार आधारित कार्यक्रम विद्यार्थियों की रचनात्मक और उद्यमशील सोच को सशक्त बनाते हैं तथा उनके विचारों को व्यवहारिक समाधान और स्टार्टअप में परिवर्तित करने में सहायक होते हैं। उन्होंने विद्यार्थियों को इस वर्कशॉप के व्यावहारिक सत्रों में सक्रिय रूप से भाग लेने और प्रोटोटाइप डेवेलपमेंट के माध्यम से अपने विचारों को साकार करने के लिए प्रेरित किया।
प्रोफेसर त्यागी ने इस कार्यक्रम के आयोजन के लिए डॉ. लोमस तोमर और डॉ. जयंता महतो के प्रयासों की सराहना की और विशेषज्ञ प्रशिक्षकों का भी आभार व्यक्त किया। उन्होंने प्रो. जितेंद्र जाडोन सहित सभी विशेषज्ञों के योगदान की प्रशंसा की। उद्घाटन सत्र के उपरांत, प्रो. जितेंद्र जाडोन ने कार्यशाला के पहले प्रशिक्षण सत्र का संचालन किया, जिसमें उन्होंने विद्यार्थियों को CAD सॉफ्टवेयर के माध्यम से 3D मॉडलिंग की तकनीक समझाई और व्यावहारिक अभ्यास करवाया।
यह एक सप्ताहीय कार्यशाला विद्यार्थियों को नवाचार, अनुसंधान और तकनीकी विकास के क्षेत्र में नई ऊंचाइयों तक पहुंचाने के लिए एक सशक्त मंच प्रदान करेगी।
यह प्रेस नोट हिंदी में प्रभावी ढंग से तैयार किया गया है, जिससे इसकी रोचकता और महत्व विद्यार्थियों, शिक्षाविदों और मीडिया के लिए स्पष्ट रूप से उभर कर आए।