शोभित विश्वविद्यालय मेरठ ने भारतीय कौशल विकास के एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है।विश्वविद्यालय ने आधुनिक दिन की आवश्यकताओं के अनुरूप कार्य बल को तैयार करने के लिए राष्ट्रव्यापी पहल के तहत राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (एनoएसoडीoसी) के साथ समझौता ज्ञापन (एमओयू) किया है। जो कि प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी की कुशल भारत की दृष्टि को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है।
प्रधानमंत्री मोदी की कौशल विकास के लिए अंतर्दृष्टि न केवल वर्तमान नौकरी बाजार की चुनौतियों को पूरा करने के लिए तैयार प्रतिभाशाली व्यक्तियों का एक विशाल पूल बनाने पर जोर देती है, बल्कि वैश्विक अर्थव्यवस्था में नवाचारी योगदान देने के लिए भी सक्षम बनाती है। एक “कुशल भारत। विकसित भारत” को आकार देने में महत्वपूर्ण है। इस दृष्टिकोण में एक ऐसा भविष्य है जहां भारतीय युवा वैश्विक नवाचार और नेतृत्व में अग्रणी बने रहेंगे, जो घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाजारों में महत्वपूर्ण योगदान देंगे।
इस पहल का नेतृत्व माननीय मंत्री श्री धर्मेंद्र प्रधान ने किया है, जो उद्योग शिक्षा जगत और सरकारी निकायों के साथ इन साझेदारियों के माध्यम से और नए केंद्रों की शुरुआत के साथ, भारत में कौशल विकास की रूपरेखा को व्यापक रूप से सुधारने की दिशा में सेट किया गया है। सरकार नौकरी की परिदृश्य में विकास के साथ तालमेल बिठाने और कुशल मानव संसाधन के माध्यम से आर्थिक विकास को बढ़ावा देने के अपने मजबूत संकल्प का प्रदर्शन करती है।
शोभित विश्वविद्यालय के सह संस्थापक और कुलाधिपति कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा कि एनoएसo डीoसीo के साथ एमओयू प्रधानमंत्री की महत्वाकांक्षी कौशल विकास योजना का प्रतिबिंब है। जिसका उद्देश्य संस्थागत सीमाओं से परे भारत की मानव संसाधन क्षमताओं को मजबूत करना है।कुंवर शेखर विजेंद्र ने कहा मुझे खुशी है कि आज शोभित विश्वविद्यालय का राष्ट्रीय कौशल विकास निगम के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर करना प्रधानमंत्री मोदी के कौशल विकास की दृष्टि को पूरा करने की दिशा में एक मजबूत कदम है। यह साझेदारी हमारी प्रतिबद्धता को मजबूत करती है ताकि एक कुशल कार्यबल का निर्माण किया जा सके, जो उन्हें न केवल हमारे छात्रों को सशक्त बनाएगी बल्कि कुशल और रोजगार योग्य युवा जनसंख्यिकी बनाने के राष्ट्रीय एजेंडा में भी महत्वपूर्ण योगदान देगी।