गौरव यादव: संवादाता
मेरठ :वरिष्ठ पत्रकार के. विक्रम राव के लखनऊ में हुए निधन पर आज एक शोक सभा का आयोजन निंबुस बुक सेंटर पर किया गया। शोक सभा में उपस्थित लोगों ने कहा कि विक्रम राव का निधन पत्रकारिता जगत की अपूर्णनीय क्षति है। अपनी श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए वरिष्ठ पत्रकार पुष्पेन्द्र शर्मा ने कहा कि के. विक्रम राव ने लगभग 45 वर्ष पत्रकारिता जगत में कार्य किया। विभिन्न समाचारपत्रों के मासिक पत्रिका वर्किंग जर्नलिस्ट का उन्होंने संपादन करने के साथ लगभग 215 अंग्रेजी, हिंदी, तेलुगु और उर्दू दैनिकों के लिए समसामयिक मामलों के वह स्तंभकार रहे। उन्होंने वॉशिंगटन डीसी के वॉयस ऑफ अमेरिका के दक्षिण एशियाई ब्यूरो (हिंदी सेवा) में संवाददाता के रूप में भी काम किया। वे 1962 से 1998 तक टाइम्स ऑफ इंडिया के साथ जुड़े रहे। वरिष्ठ पत्रकार अनिल गुप्ता ने के. विक्रम राव को याद करते हुए कहा कि मनमोहन सिंह सरकार द्वारा पत्रकारों के लिए स्थापित वर्तमान वैधानिक न्यायमूर्ति मजीठिया वेतन बोर्ड के वह सदस्य रहे। वे सूचना और प्रसारण मंत्रालय के केंद्रीय प्रेस प्रत्यायन समिति (पीआईबी) के पांच साल तक सदस्य रहे और 1991 तक छह साल तक वैधानिक प्रेस काउंसिल ऑफ इंडिया के सदस्य भी रहे। वरिष्ठ अधिवक्ता रामकुमार शर्मा ने कहा कि विक्रम राव ने हमेशा सामाजिक सरोकारों के मुद्दों को बड़ी मजबूती से सामने रखा, उनके लेख और उनके लिखे गए तमाम आलेख इस बात को बताते हैं कि उनका दृष्टिकोण कितना सकरात्मकता से भरा हुआ था। संवाद इंडिया के प्रशान्त कौशिक ने कहा कि पत्रकारों के हितों की उन्होंने हमेशा चिंता की और इसी वजह से उन्होंने पत्रकारों के संगठनों को बनाने में और पत्रकारों के वेलफेयर के लिए अनेक योजनाओं को सरकार के समक्ष रखा और उन पर अमल भी करवाया। वरिष्ठ पत्रकार जगमोहन शाकाल ने कहा कि के. विक्रम राव जैसे पत्रकार सही मायने में पत्रकारिता जगत के लिए प्रेरणास्रोत हैं। उनका व्यक्तित्व बहुआयामी व्यक्तित्व था। वह लगातार अपनी लेखनी के माध्यम से आम आदमी की आवाज बने रहे। वरिष्ठ पत्रकार प्रदीप वत्स ने कहा कि के. विक्रम राव का जीवन वास्तव में अनुकरणीय है। वह पत्रकार और पत्रकारिता के लिए एक मिसाल के तौर पर हमेशा याद किए जाएंगे। पूर्व सुचना निदेशक सुरेन्द्र शर्मा ने श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा कि विक्रम राव ने पत्रकारिता की गरिमा को बढ़ाने का काम किया है। शोक सभा में पुष्पेन्द्र शर्मा, प्रदीप वत्स, सुरेन्द्र शर्मा, रामकुमार शर्मा एडवोकेट, जगमोहन शाकाल, अनिल गुप्ता, प्रशान्त कौशिक, गौरव यादव मुख्य रूप से उपस्थित रहे।