गौरव यादव, संवादाता
दिल्ली: कुँवर शेखर विजेन्द्र ने कृषि में युवाओं के उद्यमिता विकास पर राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी परामर्श सत्र में रणनीतिक सिफारिशें प्रस्तुत कीं
राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी ने नई दिल्ली स्थित अपने मुख्यालय में “कृषि में उद्यमिता विकास हेतु भविष्य-तैयार युवाओं की तैयारी” विषय पर एक विशेषज्ञ परामर्श सत्र का आयोजन किया। यह सत्र डॉ. हिमांशु पाठक (अध्यक्ष, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी एवं सचिव, (डीएआरई), भारत सरकार) की अध्यक्षता में, तथा डॉ. पी.के. जोशी (उपाध्यक्ष, राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी) की सह-अध्यक्षता में आयोजित हुआ। कार्यवाही का संचालन डॉ. आर.सी. अग्रवाल (उप महानिदेशक, कृषि शिक्षा, (आईसीएआर) ने किया।
यह परामर्श सत्र राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के तहत कृषि शिक्षा को उद्यमिता और नवाचार से जोड़ने के उद्देश्य से आयोजित किया गया था। प्रमुख वक्ताओं में शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति एवं एसोचैम राष्ट्रीय शिक्षा परिषद के अध्यक्ष श्री कुंवर शेखर विजेन्द्र ने “कृषि में उद्यमिता के लिए भविष्य-तैयार युवाओं की तैयारी” शीर्षक से एक व्यापक विचार पत्र प्रस्तुत किया।
अपने वक्तव्य में श्री विजेन्द्र ने कहा कि “राष्ट्र की समृद्धि उन हाथों में होती है जो उसकी धरती को जोतते हैं, और उन विचारों में जो उसे नए रूप में कल्पित करते हैं।” उन्होंने कृषि शिक्षा को उत्तराधिकार की परंपरा से निकालकर नवाचार, गरिमा और उद्यमिता का मंच बनाने की आवश्यकता पर बल दिया।
उनकी प्रमुख सिफारिशों में सभी विश्वविद्यालयों में वार्षिक एग्री हैकाथॉन का आयोजन, (आईएआरआई) के उत्कृष्टता केंद्रों को उद्योग सहयोग के लिए खोलना, विश्वविद्यालय परिसरों की भूमि का उपयोग ‘सीखते समय कमाएं’ मॉडल के तहत छात्रों के स्टार्टअप हेतु करना, निजी एवं बहुविषयक विश्वविद्यालयों से भागीदारी बढ़ाना, वैश्विक शैक्षणिक समझौते, महिलाओं के लिए कृषि आधारित कौशल विकास कार्यक्रम, और मोबाइल-आधारित डिजिटल प्रशिक्षण का विस्तार शामिल हैं।
श्री विजेन्द्र की सिफारिशें नीतिगत सुधार से लेकर जमीनी क्रियान्वयन तक एक समग्र परिवर्तन की रूपरेखा प्रस्तुत करती हैं, जिसमें पाठ्यक्रम नवाचार, संकाय सशक्तिकरण, इनक्यूबेशन सहायता और कृषि विज्ञान केंद्र, किसान उत्पादक संगठन, स्वयं सहायता समूह के माध्यम से युवाओं को सशक्त बनाना शामिल है।
इस परामर्श सत्र में डॉ. मनीष जोशी (सचिव, यूजीसी), डॉ. पंकज मित्तल (महासचिव, (एआईयू ), डॉ. पी.के. सिंह (कृषि आयुक्त, भारत सरकार) सहित देशभर के विश्वविद्यालयों, आईसीएआर एवं राष्ट्रीय कृषि विज्ञान अकादमी के वरिष्ठ प्रतिनिधियों की भागीदारी रही।