सिटीजन वॉइस के अध्यक्ष प्रशान्त कौशिक के नेतृत्व में आज सिटीजन वॉइस के सदस्यों ने शहर के अन्दर बढ़ते जाम की गम्भीर समस्या को लेकर एसपी यातायात राघवेन्द्र मिश्रा को एक सुझाव पत्र दिया।

सिटीजन वॉइस के अध्यक्ष प्रशान्त कौशिक के नेतृत्व में आज सिटीजन वॉइस के सदस्यों ने शहर के अन्दर बढ़ते जाम की गम्भीर समस्या को लेकर एसपी यातायात राघवेन्द्र मिश्रा को एक सुझाव पत्र दिया। सुझाव पत्र के माध्यम से जाम की गम्भीर समस्या के समाधान हेतु कुछ सुझाव एसपी यातायात राघवेन्द्र मिश्रा को देते हुए प्रशान्त कौशिक ने कहा कि शहर के अंदरुनी चौराहो पर लगातार जाम की स्थिति बनी रहती है, धुआं छोड़ते वाहन प्रदुषण बढा रहे है और पुलिस कर्मी चालान काटने के चक्कर में कई बार अचानक से वाहन के आगे आ जाते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा पैदा हो जाता है, साथ ही कई अन्य और सुझाव देते हुए कहा कि हफ्ते में एक दिन व्हीकल फ्री डे के रूप में मनाए जाने के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए कोशिश की जानी चाहिए। प्रशान्त कौशिक और अन्य सदस्यों की बातों को ध्यानपूर्वक सुन‌ कर एसपी यातायात राघवेन्द्र मिश्रा ने कहा कि सभी सुझाव बहुत ही सार्थक और सारगर्भित है, सभी सुझावों पर कार्य किया जाएगा और आप सभी के सहयोग से शहर की अंदरुनी यातायात व्यवस्था को बेहतर बनाने की दिशा में भी कार्य किया जाएगा, साथ ही व्हीकल फ्री डे पर उन्होंने कहा कि कोई एक सडक भी चिन्हित कर उसे व्हीकल फ्री बनाने की दिशा में भी कार्य करेंगे। इस अवसर पर प्रशान्त कौशिक, प्रेम कुमार शर्मा, दीपक शर्मा, पुनीत शर्मा, सौरभ दिवाकर शर्मा, अतुल त्यागी निक्कू प्रमुख रुप से उपस्थित रहे।

एसपी यातायात राघवेन्द्र मिश्रा को दिया गए सुझाव पत्र….

 

शहर की अंदरुनी यातायात व्यवस्था को सुधारने की दिशा में प्रशासन के द्वारा निरन्तर ध्यान देने के बावजूद शहर में जाम की समस्या लगातार बनी हुई है। विशेषकर शहर के अंदरुनी चौराहे तो जाम के अभिशाप से श्रापित से नजर आते हैं, क्योंकि कोई भी रास्ता ऐसा नहीं दिखाई देता, जहां जाम का झाम ना हो। अब तो ऐसा लगता है कि जाम के झाम से शहर अपनी स्वाभाविक जिंदगी जीना ही भूल रहा है, क्योंकि वाहनों के शोर और धुंए के आगोश में एक दुसरे से आगे निकलने की जद्दोजहद ही शहरवासियों की दिनचर्या का हिस्सा बन कर रह गया है। बढ़ते जाम और बढ़ती भीड़ के नकरात्मक प्रभाव भी लोगों के मन-मस्तिष्क पर दिखाई देने लगें हैं और इसके उदाहरण सड़कों पर देखने को खूब मिल जाते हैं, एक-दूसरे से आगे निकलने की प्रतिस्पर्धा में लोग लड़ाई-झगड़े तक‌ कर बैठते हैं। शासन, प्रशासन के द्वारा इस महत्वपूर्ण विषय पर कार्य जरुर किया जा रहा है, परन्तु समस्या को देखते हुए वह पर्याप्त दिखाई नहीं देता है। इस विषय पर गम्भीरता से कार्यवाही करने की बेहद आवश्यकता है। इस सन्दर्भ में सिटीजन वॉइस के सदस्यों के द्वारा कुछ सुझाव आपके समक्ष प्रस्तुत किए जा रहे हैं।वह सुझाव यह है कि..

1. अतिक्रमण किसी का भी हो, उसे भेदभाव किये बिना तुरन्त हटवाया जाए।

2. सड़कों की सीमा का विस्तार किया जाए।

3. नाले, नालियों पर से कब्जे हटवाए जाए।

4. नालों को पाटकर सड़कों का निर्माण किया जाए।

5. व्यस्त समय में भारी वाहनों पर प्रतिबंध सख्ती से अमल में लाया जाए।

6. सड़कों की क्षमता के अनुसार ही सार्वजनिक परिवहन (रिक्शा, आटोरिक्शा, ई-रिक्शा, लोकल बस) को सड़कों पर उतरने की मंजूरी दी जाए।

7. सार्वजनिक परिवहन के वाहनों के रुकने के स्थान पर ही इन्हें रुकने दिया जाए।

8. शहर‌ की अंदरुनी सड़कें छोटी है और बाजारों का बड़े स्तर पर विस्तार हो चुका है, ऐसे में बाजारों में बडे वाहनों का आवागमन दिन में पूरी तरह से प्रतिबंधित किया जाए।

9. बाजारों में दुकानों पर आने वाले सामानों का समय प्रातःकाल निर्धारित किया जाए, जिससे सामान को लाने वाले बडे‌ वाहनों के आवागमन से लगने वाले जाम पर‌ काबू पाया जा सकें।

10. प्रदुषण फैलाते वाहनों पर बड़े‌ स्तर पर कार्यवाही करने की आवश्यकता है, क्योंकि प्रदुषण का बढ़ता स्तर मानव जीवन के लिए खतरा साबित हो रहा है, इसकी गम्भीरता को देखते हुए धुआं छोड़ते वाहनों पर भी कार्यवाही की जानी चाहिए।

11. वाहनों के चालान काटने की होड़ में कई बार पुलिसकर्मी वाहन के आगे एकदम से आ जाते हैं, जिससे दुर्घटना का खतरा बन जाता है, इसलिए वाहन के आगे अचानक से आने की जगह सुरक्षित उपाय अपनाया जाना चाहिए।

12. प्रदुषण की गम्भीरता को देखते हुए हफ्ते में एक दिन व्हीकल फ्री दिवस मनाने की दिशा में लोगों को जागरूक किया जाना चाहिए। जैसे व्हीकल फ्री संडे का आह्वान किया जा सकता है।

13. चालान काटने या किसी भी तरह की पुलिस कार्रवाई में आम आदमी का उत्पीड़न ना हो, यह भी ध्यान रखने की बेहद आवश्यकता है।

यह कुछ ऐसे मुख्य कारक है कि इन पर अगर गम्भीरता से कार्य किया जाए, तो शहर की यातायात व्यवस्था को कुछ राहत दी जा सकती है, अन्यथा जाम का झाम दिन प्रतिदिन अपना प्रभाव गहरा ही करता जाएगा। विश्वास है कि आप हमारे इन महत्वपूर्ण सुझावों पर ध्यान देकर शहर में जाम की विकराल होती समस्या के समाधान के लिए निश्चित ही कार्यवाही करेंगे।

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