शोभित विश्वविद्यालय के स्कूल ऑफ एग्रीकल्चर टेक्नोलॉजी एंड एग्री-इन्फॉर्मेटिक्स के कृषि विभाग द्वारा रेशम विकास विभाग के राजकीय रेशम कीटाण्ड उत्पादन बीजागार एवं कार्यालय सहायक निदेशक(रेशम) कंकड़खेड़ा, मेरठ में छात्रों संग शैक्षिक भ्रमण किया गया।
कृषि में नई तकनीकों द्वारा किसान अपनी आय वृद्धि कर सकते हैं। इस कड़ी में किसानों को रेशम कीट के पालन के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। शोभित विश्वविद्यालय द्वारा शैक्षिक भ्रमण के माध्यम से कृषि विभाग के छात्र-छात्राओं को रेशम की खेती की समस्त गतिविधियों से अवगत कराया गया । कंकरखेड़ा स्थित राजकीय रेशम कीटाण्ड उत्पादन बीजागार में उपस्थित अधिकारी अतुल चौधरी द्वारा रेशम कीट की अवस्थाओं एवं रखरखाव की तकनीकों पर प्रकाश डाला गया। जिसमें मानक के द्वारा भूमिहीन किसानों के लिए एक बेहतर रोजगार एवं व्यवसाय का विकल्प सुझाया गया। जिसमें उन्होंने रेशम की खेती में शहतूत के पेड़ों के महत्त्व एवं पूर्ण अवधि में होने वाली लागत एवं रेशम के कीट से होने वाले उत्पादन का विस्तृत वर्णन किया।
रेशम विकास अधिकारी जी०आर० शर्मा द्वारा शोभित विश्वविद्यालय के छात्र छात्राओं को मिर्जापुर एवं बैंगलोर की प्रशिक्षण संस्थान में रेशम की खेती का मुफ्त प्रशिक्षण कराएंगे। इस दौरान कृषि विभाग के निदेशक डॉ० सहदेव सिंह,डॉ० सोनम आर्या,डॉ० मनोज कुमार, डॉ० आनंद आदि मौजूद रहे।