बाल विवाह सम्पन्न कराने वाले व्यक्ति के विरूद्व रू0 एक लाख का जुर्माना व 02 वर्ष के कारावास का प्रावधान जिला प्रोबेशन अधिकारी
जिला प्रोबेशन अधिकारी जिला बाल विवाह प्रतिषेध अधिकारी अजित कुमार ने सर्व साधारण को सूचित करते हुये बताया कि दिनांक 22 अप्रैल 2023 को अक्षय तृतीया आखा तीज के अवसर पर बाल विवाह करने की रूढिवादी परम्परा समाज में प्रचलित है। ऐसे विशेष अवसर पर समाज में लड़के व लड़की के विवाह हेतु निर्धारित आयु क्रमश 21 वर्ष एवं 18 वर्ष के पूर्व ही कर दिया जाता है। बाल विवाह जैसी कुप्रथा के विरूद्ध बाल विवाह निषेध अधिनियम 1926 यथा संशोधित व द प्रोहिबिटेशन आफ चाईल्ड मैरिज एक्ट 2006 अस्तित्व में है। 18 वर्ष से कम की लड़की एवं 21 वर्ष से कम के लड़के का विवाह करना कानूनन अपराध है।
यदि कोई नाबालिग का विवाह करता कराता है या उसमें शामिल होता है तो उनके विरूद्ध कार्यवाही होगी बाल विवाह सम्पन्न कराने वाले प्रत्येक व्यक्ति के विरुद्ध अंकन रु० एक लाख का जुर्माना व 02 वर्ष के कारावास का प्रावधान है। अक्षय तृतीया के अवसर पर 21 वर्ष व 18 वर्ष से कम आयु के लड़कों लडकियों का विवाह न हो सके यदि कोई बाल विवाह का प्रकरण संज्ञान में आता है तो उसकी सूचना सम्बन्धित थाना, चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 वूमन पावर लाइन 1090 एवं महिला हेल्पलाइन 181 पर दी जाये। वैवाहिक आयोजन कराने वाले प्रिन्टिंग प्रेस टैन्ट व्यवसायी मैरिज हॉल बैण्ड बाजा कैटर्स फोटोग्राफर पुरोहित मौलवी इत्यादि व्यक्तियों एवं सस्थाओं से भी अपेक्षा है कि वैवाहिक आयोजन से पूर्व यह सुनिश्चित कर लें कि वधु की आयु 18 वर्ष एवं वर की आयु 21 वर्ष से कम न हो।