उद्यमिता के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण” – कुँवर शेखर विजेन्द्र

उद्यमिता के माध्यम से भारत को विकसित राष्ट्र बनाने में युवाओं की भूमिका महत्वपूर्ण” – कुँवर शेखर विजेन्द्र

शोभित विश्वविद्यालय, मेरठ और भारतीय वैश्य संगम के संयुक्त तत्वावधान में आज “उद्यमिता की भावना को बढ़ावा देना: भारत को विकसित भारत में परिवर्तित करना” विषय पर एक राष्ट्रीय कार्यशाला का सफल आयोजन किया गया। इस कार्यशाला में देशभर के प्रतिष्ठित विशेषज्ञों ने भाग लिया और उद्यमिता को देश की प्रगति के लिए महत्वपूर्ण बताया।

कार्यक्रम का शुभारंभ दीप प्रज्वलन के साथ हुआ, जिसमें शोभित विश्वविद्यालय के कुलाधिपति श्री कुँवर शेखर विजेन्द्र जी ने युवाओं को संबोधित करते हुए कहा, “भारत का भविष्य उन युवाओं के हाथों में है, जो उद्यमशीलता के माध्यम से देश को एक विकसित राष्ट्र बनाने की क्षमता रखते हैं।” उन्होंने आत्मनिर्भर भारत के निर्माण में उद्यमिता की महत्वपूर्ण भूमिका पर जोर दिया और युवाओं को इस दिशा में सक्रिय रूप से योगदान करने के लिए प्रेरित किया।

भारतीय वैश्य संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अंबुज गुप्ता ने संस्था की गतिविधियों और उद्देश्यों पर विस्तार से प्रकाश डाला। शोभित विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. वी.के. त्यागी ने अपने संबोधन में छात्रों को नवाचार और नए विचारों के माध्यम से आत्मनिर्भर भारत के सपने को साकार करने के लिए प्रेरित किया।इस अवसर पर विश्वविद्यालय के डीन एकेडमिक्स डॉ अशोक कुमार गुप्ता जी द्वारा अतिथियों का स्वागत किया गया,

तकनीकी सत्र में वक्ताओं ने उद्यमिता के विभिन्न पहलुओं पर अपने विचार प्रस्तुत किए। डॉ. राकेश एरन ने “कर्मचारी से उद्यमी बनने की मानसिकता में बदलाव” पर चर्चा की, जबकि यूनियन बैंक ऑफ इंडिया के मुख्य प्रबंधक श्री सौरव श्रीवास्तव ने नए उद्यमियों के लिए बैंकिंग वित्त योजनाओं की जानकारी दी। इं० पंकज गुप्ता ने स्मॉल स्केल इंडस्ट्री के महत्व पर प्रकाश डाला और इं० अजय गुप्ता ने उद्यमिता में चुनौतियों को सफलता में बदलने के तरीकों पर विचार रखे। महाप्रबंधक श्री दीपेंद्र कुमार ने सरकारी योजनाओं के माध्यम से भारत में उद्यमिता के विकास पर अपने विचार व्यक्त किए। मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) पीयूष गुप्ता ने जीवनशैली और उद्यमिता के आपसी संबंध पर चर्चा करते हुए कहा कि एक स्वस्थ जीवनशैली उच्च उद्यमी उपलब्धियों का आधार है।

कार्यशाला के अंत में, कुलाधिपति श्री कुँवर शेखर विजेन्द्र जी और भारतीय वैश्य संगम के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री अंबुज गुप्ता ने सभी सम्मानित वक्ताओं को स्मृति चिन्ह भेंट कर सम्मानित किया। कार्यक्रम का संचालन डॉ. नेहा यजुर्वेदी ने किया और धन्यवाद ज्ञापन प्रो. पी.के. गोयल द्वारा प्रस्तुत किया गया।इस अवसर पर डॉ अभिषेक डबास, श्री दीपक गोयल,डॉ प्रीति गर्ग, डॉ अंशु चौधरी, डॉ अनुज गोयल, तुशिका , डॉ प्रियंका शर्मा, आदि का सक्रीय सहयोग रहा।

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